From The Desk of Principal
पार्वतीबाई गोखले विज्ञान महाविद्यालय समाज सेवा की प्रेरणा से उत्प्रेरित व्यक्तियों के त्याग, तपस्या एवं परिश्रम का परिणाम है। इनमें श्रद्धेय स्व. बाबासाहब गोखले अग्रणी व्यक्ति थे। उन्होंने संस्था के लिये अपने जीवन की सम्पूर्ण कमाई तो दान में दी ही, साथ ही जीवन पर्यन्त संस्था की उन्नति के लिये साधन जुटाने में लगे रहे। इस त्यागमय कार्य में प्रेरणा बिन्दु स्वर्गवासी पत्नी श्रमती पार्वतीबाई रहीं। अतः उनकी स्मृति में सन् 1941 में पार्वतीबाई गोखले विद्यालय, बाद में इन्टर कॉलेज (स्तर पर शिक्षण) प्रारम्भ हुआ । स्नातक कक्षाएं 1959 से प्रारम्भ हुई। तभी पार्वतीबाई गोखले विज्ञान महाविद्यालय का शुभारम्भ हुआ। वर्तमान में यह संस्था जीवाजीगंज, लश्कर, ग्वालियर में बाल्दा भूमि पर स्थित हैं
इस संस्था का बीजारोहण इसकी मातृ संस्था 'मध्यभारत शिक्षा समिति' ग्वालियर की 21 जुलाई 1941 की स्थापना से हुआ । उस समय इसके अंतर्गत कक्षा नवीं पोतनीस धर्मशाला, जीवाजीगंज, लश्कर में प्रारम्भ की गई थी। जुलाई 1945 में कदम साहब का बाड़ा, मामा का बाजार में इंटर की कक्षाएँ प्रारंभ हुईं। वेदों के प्रकांड पंडित स्वतंत्रता सेनानी डॉ. हरि रामचन्द्र दिवेकर ने प्रारंभ में प्राचार्य का कार्य संभाला। इन लोगों के कठिन परिश्रम एवं तपस्या के फलस्वरूप आज 'मध्यभारत' शिक्षा समिति के अंतर्गत चार संस्थाएं कार्यरत है। उन्हीं में से एक संस्था है 'पार्वतीबाई गोखले विज्ञान महाविद्यालय' जिसका संचालन समिति के अंतर्गत “शासी निकाय” द्वारा होता है । संस्था का वर्तमान स्वरूप श्रद्धेय बाबासाहब गोखले तथा डॉ. दिवेकर के प्रयास एवं तत्कालीन ग्वालियर नरेश श्रीमंत जीवाजीराव शिन्दे द्वारा दान में दी गई जीवाजीगंज स्थित बाल्दा भूमि पर जन सहयोग एवं शासन द्वारा प्राप्त ऋण से दिखाई देता है, प्रारम्भ में 15 कमरों का भवन निर्मित हुआ ।
दिनांक 21 जुलाई 1959 से वर्तमान पार्वतीबाई गोखले विज्ञान महाविद्यालय का प्रादुर्भाव हुआ तथा इसके प्रथम प्राचार्य, डॉ. गोविन्द संखाराम दातार रहे। जुलाई 1967 से डॉ. गजानन पुरूषोत्तम पेन्डसे, द्वितीय प्रचार्य बने। इनके प्रयास से रसायन शास्त्र में स्नातकोत्तर कक्षाएँ प्रारम्भ हुई एवं जुलाई 1968 में वनस्पति शास्त्र में स्नातकोत्तर कक्षाएँ प्रारम्भ की गई। 1975 में महाविद्यालय को शोध केन्द्र के रूप में मान्यता प्राप्त हुई
स्मरणीय प्रसंग 30 नवम्बर 1991 को संस्था के विकास में एक नया अध्याय जुड़ गया। इस दिन संस्था में नवनिर्मित पुस्तकालय हॉल का उद्घाटन प्रो. राजेन्द्र सिंह (रज्जू भैया), इलाहाबाद विश्वविद्यालय के भौतिकी के निवृत्त प्राध्यापक के कर कमलों द्वारा सम्पन्न हुआ । संस्था के विकास के क्रम में वर्ष 1992 में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग नई दिल्ली के आंशिक सहयोग से संस्था में 'कम्पयूटर केन्द्र' का शुभारम्भ हुआ। इस केन्द्र का उद्घाटन विश्वविद्यालय भू-भौतिकी वैज्ञानिक डॉ. जनार्दन ग. नेगी (राष्ट्रीय भू-भौतिकी अनुसंधान संस्थान, | हैदराबाद) के कर कमलों द्वारा सम्पन्न हुआ ।